Pathan Movie Review

कहानी के अनुसार, 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जा चुका है। इससे पाकिस्तान बौखला गया है। पाक सेना का जनरल भारत को घुटनों पर लाने के लिए जिम (जान अब्राहम) की सेवाएं लेता है। जिम का मकसद निजी है। वह पहले भारतीय जासूस था, जो अब बागी हो चुका है।

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फिल्म पठान एक्शन भरपूर, कहानी कमजोर

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करीब चार साल बाद शाह रुख खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'पठान' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। एक था 'टाइगर' और 'वार' जैसी फिल्में बना चुके यशराज फिल्म ने जासूसी फिल्मों का यूनिवर्स बनाने की बात कही है। इसका शुभारंभ पठान से हो चुका है।

कहानी के अनुसार, 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जा चुका है। इससे पाकिस्तान बौखला गया है। पाक सेना का जनरल भारत को घुटनों पर लाने के लिए जिम (जान अब्राहम) की सेवाएं लेता है। जिम का मकसद निजी है। वह पहले भारतीय जासूस था, जो अब बागी हो चुका है। उसके नापाक मंसूबों को अगर कोई रोक सकता है तो वह है भारतीय एजेंट पठान (शाह रुख खान)। जिम तक पहुंचने में पठान की मुलाकात पूर्व आइएसआइ एजेंट डा. रूबीना मोहसिन (दीपिका पादुकोण) से होती है। चूंकि जासूसी थ्रिलर फिल्मों की कहानी का आधार कोई न कोई मिशन होता है, इसलिए यहां भी मकसद रक्तबीज को हासिल करना है, जो एक जैविक हथियार है। जिम इसे भारत में फैलाकर तबाही मचाना चाहता है। उसके नापाक मंसूबों को पठान कैसे विफल करेगा? उसके लिए कई ट्विस्ट और टर्न के साथ कहानी गढ़ी गई है।

निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने ही, पठान की कहानी लिखी है। उन्होंने एक्शन पर पकड़ बनाए रखी है। हेलिकाप्टर, बंदूक, तोप, हैंड टू हैंड उत्कृष्ट

शाह रुख अलग लुक में और दीपिका ग्लैमरस दिखीं। फिल्म पीआर टीम फाइट, बर्फ पर बाइक चेजिंग के दृश्यों के जरिए रोमांचक एक्शन को गढ़ा गया है। हालांकि कहीं- कहीं यह सुपरहीरो फिल्म का एहसास देती है। फिल्म में एक्शन के साथ रोमांस, नाच, गाना सब है, पर इसकी कमजोर कड़ी कहानी है। फिल्म की शुरुआत में जिम भारतीय वैज्ञानिक का दूसरे देश में अपहरण कर लेता है। उसकी रिहाई की ओर किसी का ध्यान नहीं है। श्रीधर राघव द्वारा लिखित स्क्रीन प्ले में जैविक हमले कितने खतरनाक हो सकते हैं, उसे प्रभावशाली तरीके से दर्शाया नहीं गया। फिल्म में पूरा फोकस पठान पर है। इससे बाकी किरदारों को पनपने का मौका नहीं मिला है। फिल्म का खास आकर्षण एक था टाइगर के टाइगर यानी सलमान खान हैं, जिन्हें कई पंचिंग लाइनें मिली हैं। फिल्म कई देशों में विचरण करती है। हालांकि इतने देशों में नहीं भी ले जाते तो भी कहानी पर फर्क नहीं पड़ता। पर हां, सचित पालोस की सिनेमैटोग्राफी खूबसूरत है। लोकेशन शानदार हैं। अब्बास। टायरवाला के संवाद चुटीले हैं।

शाह रुख ने पहली बार विशुद्ध . एक्शन फिल्म में काम किया है। उन्होंने बाडी बनाने के साथ बाल भी बढ़ाए हैं। उन्हें भर पूर एक्शन करने का मौका मिला है। दीपिका पादुकोण ग्लैमरस दिखी हैं, उन्हें भी एक्शन का मौका मिला है। हालांकि शाह रुख के साथ उनकी केमिस्ट्री अच्छी तरह विकसित नहीं की गई है। खलनायक की भूमिका में जान अब्राहम ने शानदार प्रस्तुति दी है। डिंपल कपाड़िया और आशुतोष राणा अपनी भूमिका से न्याय करते हैं। चूंकि यह लार्जर दैन लाइफ फिल्म है तो इसमें दिमाग लगाने की कोशिश न करें।

बहरहाल टाइगर 3. में आने का वादा टाइगर ने पठान से ले लिया है यानी शाह रुख-सलमान फिर साथ दिखेंगे। इस बार टाइगर की मदद के लिए पठान आएगा।