INS VAGIR COMMISSIONED IN INDIAN NAVY
मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित आइएनएस वागीर को नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में एक समारोह में कमीशन किया गया। हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति के बीच इसे नौसेना में शामिल किया जाना और भी अहम है। यह पनडुब्बी बेहतरीन सेंसर टारपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है।
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'वागीर'- मिसाइलों से लैस पनडुब्बी नौसेना में शामिल
INS VAGIR COMMISSIONED IN INDIAN NAVY
वागीर दुश्मन की नजर से बचने समेत कई उपकरणों से है लैस
भारतीय नौसेना की ताकत में सोमवार को और इजाफा हुआ। कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी आइएनएस वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया।
मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित आइएनएस वागीर को नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में एक समारोह में कमीशन किया गया। हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति के बीच इसे नौसेना में शामिल किया जाना और भी अहम है। यह पनडुब्बी बेहतरीन सेंसर टारपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है।
आत्मरक्षा के लिए इसमें अत्याधुनिक टारपीडो डिकाय सिस्टम है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि यह पनडुब्बी भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ावा देने का काम करेगी और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देगी। यह दुर्जेय हथियारों और स्टील्थ तकनीक से लैस है। उन्होंने कहा कि वागीर 24 महीने के भीतर नौसेना में शामिल होने वाली तीसरी पनडुब्बी है। उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है और भारत के जहाज निर्माण उद्योग के आने वाले युग और हमारे रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की परिपक्वता को रेखांकित करती है।आइएनएस वागीर बड़े चुपचाप ढंग से अपने मिशन को अंजाम दे सकती है, इसे साइलेंट किलर माना सकती है । स्टील्थ तकनीक से लैस इस पनडुब्बी को रडार भी आसानी से पकड़ नहीं पाते। इसमें 533 एमएम के आठ टारपीडो ट्यूब हैं, जिनमें 10 मिसाइलें लोड की जा सकती हैं।
विशेषता पनडुब्बी आइएनएस वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया।
- 5वीं पनडुब्बी है ये कलवारी क्लास की।
- कई बड़ी मिसाइल रखी जा सकती हैं।
- 67 मीटर लंबी यह पनडुब्बी पानी के ऊपर 20 किलोमीटर और पानी के अंदर 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल सकती है।
- 1000 किमी की दूरी एक बार में समुद्र के भीतर तय कर सकती है,
- लगातार 50 दिन समुद्र के भीतर रह सकती है
- 350 मीटर की गहराई तक ये समुद्र में जा सकती है।
- 50 से अधिक नौसेना के जवान और अधिकारी इसमें एक साथ किसी भी मिशन में शामिल हो सकते हैं।
- बेहतरीन सेंसर, टारपीडो सिस्टम और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से है सुसज्जित
- कई अत्याधुनिक उपकरणों से और मिसाइलों से लैस पनडुब्बी 'वागीर' नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई।