Air India Boeing Deal

एअर इंडिया दिग्गज वैश्विक विमानन कंपनी बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसी के तहत उसने दुनिया की दो दिग्गज विमान मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से संयुक्त तौर पर 470 विमान खरीदने का फैसला किया है । खास बात यह है कि विमानों की खरीद का यह फैसला अंतिम नहीं है और भविष्य में कंपनी और विमान भी खरीद सकती है ।

Air India Boeing Deal
Air India Boeing Deal 2023

विमानन क्षेत्र में एअर इंडिया का मेगा प्लान 

(Air India Mega Plan in Aviation Industry)

फ्रांस की एयरबस और अमेरिकी कंपनी बोइंग से और विमान खरीद सकती है कंपनी 

एअर इंडिया दिग्गज वैश्विक विमानन कंपनी बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसी के तहत उसने दुनिया की दो दिग्गज विमान मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से संयुक्त तौर पर 470 विमान खरीदने का फैसला किया है । खास बात यह है कि विमानों की खरीद का यह फैसला अंतिम नहीं है और भविष्य में कंपनी और विमान भी खरीद सकती है । हालांकि विमानों की नई खेप की खरीद का फैसला कंपनी अगले पांच वर्षों के अपने संचालन के आधार पर करेगी । 

कंपनी ने मंगलवार को एयरबस से 240 और बोइंग से 230 यात्री विमान खरीदने का समझौता किया था । इन कंपनियों के साथ हुए समझौते में इस बात का भी जिक्र है कि जिन शर्तों पर उक्त विमानों की खरीद की जा रही है , उन्हीं शर्तों पर एअर इंडिया को और विमानों की आपूर्ति की जाएगी । बोइंग के साथ हुए समझौते के मुताबिक एअर इंडिया उससे 50 और विमान खरीद कर सकेगी । 

नई खेप की खरीद का फैसला कंपनी अगले पांच वर्षों के अपने संचालन के आधार पर करेगी 

 एअर इंडिया को खरीदने से पहले ही कंपनी ने दीर्घकालिक रणनीति पर शुरू कर दिया था काम 

कंपनी सूत्रों ने बताया कि सरकार से कंपनी की हिस्सेदारी हासिल करने से पहले ही टाटा समूह ने एविएशन सेक्टर को लेकर मध्यकालिक और दीर्घकालिक रणनीति पर काम करेना शुरू कर दिया था।

टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस तरह के संकेत मंगलवार को दिए थे । एयरबस और बोइंग से 470 विमानों की खरीद इस रणनीति के तहत उठाया गया दूसरा सबसे अहम फैसला है । पहला अहम फैसला एअर इंडिया में भारत सरकार की हिस्सेदारी को खरीदना था ।

कंपनी का आकलन है कि वैश्विक एविएशन सेक्टर में जिस तरह से बदलाव हो रहा है उसमें एअर इंडिया शीर्ष की एविएशन कंपनी बनने की क्षमता रखती है ।

यही वजह है कि कंपनी ने लंबी यात्राओं में इस्तेमाल होने वाले 70 विमान खरीदे हैं । जबकि शेष 400 विमान घरेलू मांग या भारत के नजदीकी देशों में सेवा देने के लिए खरीदे जा रहे हैं ।

अभी एअर इंडिया के पास 117 विमान 

एयर इंडिया को वैसे तो नए विमानों की आपूर्ति वर्ष 2023 के अंत से शुरू हो जाएगी लेकिन ज्यादातर विमानों की आपूर्ति वर्ष 2025 से शुरू होगी । अभी उसके पास 117 विमान हैं जबकि तीन सहायक कंपनियों विस्तार , एयर एशिया ओर एअर इंडिया एक्सप्रेस के विमानों को मिला दिया जाए तो कुल संख्या 227 हो जाती है । नए विमानों को जोड़ दिया जाए तो कंपनी के पास अगले पांच - छह वर्षों में कुल विमानों की संख्या 650 से 700 के करीब होगी । ऐसे में कंपनी नए विमानों की जरूरत का आकलन वर्ष 2026-27 में करने की स्थिति में होगी । 

विमान खरीदने के लिए बाजार से जुटाएगी फंड 

470 नये विमानों की खरीद के लिए टाटा समूह को कुल 80 अरब डालर ( लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये ) का इंतजाम करना होगा । इसके लिए कुछ राशि का इंतजाम आंतरिक स्रोतों से किया जाएगा जबकि बड़े हिस्से का इंतजाम कंपनी बाजार से करेगी । इससे फ्रांस , ब्रिटेन अमेरिका के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को नया बल मिलेगा । यही वजह है कि पीएम मोदी सहित अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन , ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने सौदे को ऐतिहासिक बताया है । 

विमान खरीद का ऐतिहासिक समझौता एअर इंडिया ने फ्रांस एवं अमेरिका से क्रमशः 250 एवं 220 विमान खरीदने का ऐतिहासिक समझौता किया है । फ्रांस से 250 विमान एयरबस कंपनी से क्रय किए जाएंगे , जिसमें राल्स रायस के इंजन लगे होंगे । इसमें 40 वाइड बाडी ए -350 विमान और 210 नैरो बाडी विमान शामिल हैं । समझौते में आर्डर बढ़ाने के विकल्प को भी रखा गया है । भारत को पहला विमान इस वर्ष के अंत के पूर्व मिल जाएगा । अमेरिका से एयर इंडिया 34 अरब डालर में 220 विमान खरीदेगी । इन दोनों समझौतों का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि फ्रांस से समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की वर्चुअल उपस्थिति में हुआ तो अमेरिका से समझौते के बाद मोदी एवं बाइडन ने फोन पर वार्ता की । मैक्रों ने समझौते को दोनों देशों के मध्य मजबूत रिश्तों का परिचायक बतलाया । बाइडन ने कहा कि इससे अमेरिका के 44 राज्यों में 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने भी इस डील का स्वागत किया एवं आशा व्यक्त की कि उनके देश में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे । एयरबस के सीईओ फौरी ने कहा कि उनकी कंपनी ने भारत को वैश्विक हब के तौर पर मान्यता दी है । बेंगलुरु में बड़ा इंजीनियरिंग सेंटर स्थापित किया है । फ्रांस एवं जर्मनी में भारत निर्मित उपकरणों का इस्तेमाल होगा । भारत में एयरपोर्ट की संख्या पिछले नौ वर्षी में 74 से 147 हो गई है । शीघ्र ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हब बन जाएगा ।