UNION BUDGET HIGHLIGHTS 2023

केंद्रीय वित्त मंत्री ने सात प्रमुख प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया है जो एक दूसरे के पूरक होंगे और अमृत काल के माध्यम से सरकार का मार्गदर्शन करने वाले "सप्तऋषि" के रूप में कार्य करेंगे। वे सम्मिलित करते हैं: समावेशी विकास लास्ट माइल तक पहुंचना अवसंरचना और निवेश क्षमता को उजागर करना हरित विकास

UNION BUDGET HIGHLIGHTS 2023
Union Budget 2023

UNION BUDGET HIGHLIGHTS 2023

केंद्रीय बजट 2023-24 का लक्ष्य

बजट ने भारत को समावेशी विकास की राह पर बढ़ने का अवसर दिया है। हमारे समय अपार संभावनाएं हैं। भारत वैश्विक स्तर पर नेतृत्वकर्ता की भूमिका में सकता है। इसके लिए केंद्र एवं राज्य दोनों ही स्तर पर नीति निर्माताओं को क्रियान्वयन और प्रभाव पर विचार करते हुए बढ़ना होगा।

बजट संतुलित और वित्तीय स्तर पर अनुशासित है। साथ ही भविष्य को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह अगले एक दशक में भारत को 10 ट्रिलियन डालर की इकोनमी बनने की राह प्रशस्त करने वाला बजट है। इससे सभी नागरिकों के लिए समावेशी विकास की राह खुलेगी। यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष आसन्न चुनौतियों को दूर करने की राह बनाने वाला भी है।

वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप आकलन करें तो भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी का सामना कर रही अर्थव्यवस्था वाला देश है। ऐसे में बजट में सड़क, पुल, बिजली, रेल आदि पर फोकस करते हुए आवंटन से विकास की नई राह बनेगी बजट में डिजिटल और सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया गया है। अगर अगले एक दशक में डिजिटल इकोनमी में बन रहे अवसरों को हम भुना सकें तो यह सदी भारत की सदी हो सकती है। डिजिटल इन्फ्रा में अगले एक दशक में 200 अरब डालर की संभावनाएं हैं और 1.5 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसर हैं। साथ ही "संबंधित क्षेत्रों में भी एक करोड़ रोजगार के अवसर बन सकते हैं। इसी तरह चिकित्सा, पर्यटन, शिक्षा समेत अन्य सेक्टर में भी अवसरों की भरमार है।

जनधन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने कई तरह की लीकेज को रोका है और योजनाओं के क्रियान्वयन की गति -बढ़ाई है। यह लगभग सभी प्रकार की सेवाओं को गति देने में सक्षम है। इसके प्रभाव और भी व्यापक हैं। इसके साथ हो वित्त मंत्री ने पूंजीगत व्यय में सहयोग बढ़ाते हुए इस बार विकास की कमान राज्यों के हाथ में भी दी है। इससे राज्यों की सहभागिता बढ़ाने में मदद मिलेगी कारोबारी सुगमता के कई घटक राज्यों के दायरे में ही आते हैं।

नौकरीपेशा वर्ग समाज का अहम स्तंभ है और बजट में इसका ध्यान रखा गया है। भारत उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था है और टैक्स छूट बढ़ने से निसंदेह अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इससे मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ने से विकास का चक्र भी घूमेगा। उम्मीद है कि सरकार असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लोगों पर भी ध्यान देगी। अभी स्वास्थ्य से लेकर कई अन्य लाभ के मोर्चे पर उन्हें अनदेखा किया जाता रहा है। शहरी गरीब और बेरोजगारी पर भी ध्यान देना होगा। यूनिवर्सल बेसिक इनकम अच्छा कदम हो सकता है।

उद्यमियों के लिए भी बजट में काफी कुछ रहा है। सरकार को उद्यमियों के साथ सहयोगी की भूमिका में आने की आवश्यकता है। निरीक्षक बने रहने की रणनीति उचित नहीं है। इसी तरह कृषि भी महत्वपूर्ण घटक है। बजट में गांवों को शहरी बाजार से जोड़ने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन बढ़ाया गया है

यह महत्वपूर्ण होगा। इसी के साथ सरकार को कृषि क्षेत्र में सब्सिडी के बजाय सीधे किसानों के खाते में जरूरी राशि पहुंचाने के बारे में सोचना होगा।

बजट में उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर फोकस किया गया है। रोजगार, विकास और उत्पादकता में कौशल की अहम भूमिका होती है। वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य पर खर्च को लेकर भी बेहतर प्रविधान किया है।

सभी के लिए सुगम और सस्ती स्वास्थ्य सेवा पर भी कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रति व्यक्ति 2,000 रुपये के खर्च से स्वास्थ्य सेवाओं में 50 प्रतिशत तक का सुधार किया जा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य से उत्पादकता समेत कई मोर्चे पर अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ती है और जीडीपी को एक प्रतिशत तक का फायदा हो सकता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2023 को 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव से पहले मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया।

केंद्रीय बजट 2023-24 का लक्ष्य

पिछले बजट में रखी गई नींव पर निर्माण करना है, और India@100 के लिए एक खाका तैयार करना है।

सरकार ने बजट 2022-23 के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को अमृत काल की ओर ले जाने के लिए एक मजबूत नींव रखने की कल्पना की है।

अमृत ​​काल सरकार द्वारा 2047 तक 25 साल की अवधि को चिह्नित करने के लिए गढ़ा गया शब्द है जब भारत स्वतंत्रता के 100 साल मनाएगा।

अमृत ​​काल के लिए विजन: अमृत काल के लिए सरकार का विजन मजबूत सार्वजनिक वित्त और एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक प्रौद्योगिकी-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है।

  1. इस दृष्टि को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
  2. नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं के लिए अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के अवसर पैदा करना।
  3. विकास और रोजगार सृजन के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करना।
  4. व्यापक आर्थिक स्थिरता में सुधार और मजबूती।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने सात प्रमुख प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया है

जो एक दूसरे के पूरक होंगे और अमृत काल के माध्यम से सरकार का मार्गदर्शन करने वाले "सप्तऋषि" के रूप में कार्य करेंगे। वे सम्मिलित करते हैं:

  • समावेशी विकास
  • लास्ट माइल तक पहुंचना
  • अवसंरचना और निवेश
  • क्षमता को उजागर करना
  • हरित विकास